कोरोना वायरस की बन रही है दवा, जापान की इस कंपनी ने शुरु किया कार्य

कोरोना वायरस की बन रही है दवा, जापान की इस कंपनी ने शुरु किया कार्य

अम्बुज यादव

चीन से फैला कोरोना वायरस इस समय पूरे विश्व में महामारी की तरह फैल गया है। इसकी वजह से लोगों के अंदर डर पैदा हो गया है और हो भी क्यों ना क्योंकि अभी तक लगभग 90 हजार लोग इसकी चपेट में आ चुके है। वहीं चीन में अबतक इसकी वजह से लगभग 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भारत में भी इसका खतरा मड़रा रहा है। यह इसलिए क्योंकि पिछले 2 या तीन दिनों से भारत में भी इसके मरीज लगातार बढ़ रहें है। चीन से फैले इस वायरस ने अबतक लगभग 70 देशों को प्रभावित कर रहा है। यह आंकड़ा काफी डराने वाला है। वही इसके अलावा एक डराने वाली बात यह भी है कि अभी तक इसके इलाज का सही औऱ सटीक तरीका भी नहीं खोजा जा सका है। लेकिन फिर भी सभी देशों के स्वास्थ्य विभाग लगातार इसके इलाज के लिए दवा बनाने की कोशिश कर रहें है।

पढ़ें- आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए इस होम्योपैथी दवा को लेने की सलाह दी

वहीं अब खबर आ रही है कि जापान की फार्मा कंपनी टेकेडा फार्मास्युटिकल ने बुधवार को कहा कि वह कोरोनावायरस की दवा विकसित कर रही है। कंपनी ने कहा कि नए कोरोनावायरस से संक्रमित उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए दवा विकसित करने पर काम कर रहा हैं। इसमें अन्य ड्रग कंपनियां भी शामिल थे, जो 3000 से ज्यादा लोगों की जान ले चुके इस वायरस के इलाज की मांग कर रहे थे। 

जापानी फर्म ने कहा कि यह प्लाज्मा-डेराइव्ड थेरेपी पर काम कर रहा था, जिसे पहले सांस संबंधी वायरल संक्रमण के उपचार में प्रभावी था। इस रिसर्च में उन रोगियों के एंटीबॉडी की आवश्यकता होगी, जो कोरोनावायरस के संक्रमण से उबर चुके हैं या जिन्हें टीका लगाया जा चुका है।

टेकेडा ने कहा कि एंटीबॉडीज को एक नए रोगी में ट्रांसफर करने से, यह उस व्यक्ति की इम्यूनिटी यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को कोरोनो के संक्रमण से लड़ने और उसका तोड़ देने की संभावना को बढ़ा सकता है।

 टेकेडा के मुताबिक यह भी स्टडी की जा रही है कि वर्तमान में चल रहे रिसर्च और ड्रग्स क्या कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार में कितनी मदद कर पाते हैं। मालूम हो कि टेकेडा 90 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुके फ्लू जैसी बीमारियों के लिए काम करने वाले ड्रगमेकर्स कंपनियों के साथ जुड़ कर काम करता है। 

अमेरिका स्थित गिलियड साइंसेज इंक (जीआईएलडीओ) ने कहा कि पिछले सप्ताह इस बीमारी के गंभीर और मध्यम मामलों के मरीजों में इसकी दवा का चरणबद्ध अध्ययन शुरू किया गया था। वहीं, सोमवार को फाइजर इंक (PFE.N) ने कहा कि टीम ने कुछ एंटीवायरल कंपाउंड की पहचान की है, जो कोरोनावायरस को रोकने की क्षमता रखते हैं।

टेकेडा ने कहा कि वह अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों के साथ अपनी योजनाओं को साझा करेगा। टेकेडा अमेरिका, एशिया और यूरोप में स्वास्थ्य सेवा भागीदारों के साथ दवा में अपने शोध को आगे बढ़ाने के लिए संपर्क में रहा है।

इस खबर के बीच यह घोषणा की गई है कि अमेरिकी कांग्रेस इस हफ्ते कोरोनावायरस से निबटने के लिए संभवत: छह से आठ बिलियन यानी 60 से 80 करोड़ रुपए आपातकालीन निधि के लिए संसद में चर्चा कर सकती है। 

इसे भी पढ़ें-

कोरोना वायरस का मतलब ये नहीं है कि बस आप मरने वाले हैं

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।